पिपलियामंडी: पिछले 14 सालों के बाद भी पिपलियामंडी ने तहसील टप्पा कार्यालय का दर्जा नहीं प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी ने जनसम्पर्क करने के दौरान ऐलान किया था, लेकिन यह अभी तक अमल में नहीं आया है। इसके बावजूद, प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी लोगों ने बार बार सरकार से अपनी मांग दोहरायी है।
कांग्रेस के शासनकाल में दिग्विजयसिंह जी को भेजा था ज्ञापन
मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 में कांग्रेस के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जी से पिपलियामंडी में तहसील टप्पा कार्यालय खोलने की मांग की गई थी। इसके लिए भू-अभिलेख विभाग को प्रारंभिक कार्यवाही करके रिपोर्ट 25 जून तक भेजने का आदेश दिया गया था। हालांकि, इस समय में प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई और तहसील टप्पा कार्यालय का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका।
लोगों ने किया सरकार को अपनी मांग को लेकर आकर्षित
तब से लेकर अब तक लोग बार-बार ग्यारह साल के वनवास के बाद भी अपनी मांग उठा रहे हैं। सरकारी अधिकारियों ने तो अब तक कई ज्ञापन, धरने और हस्ताक्षर अभियानों को नगर बंद किया गया है, लेकिन सरकार ने इन सभी को ध्यान में नहीं लिया है। नेता अनिल शर्मा ने बताया कि भू-अभिलेख विभाग मन्दसौर से राज्य शासन को पिपलिया तहसील टप्पा कार्यालय को लेकर जानकारी भेजी जा चुकी है।
क्षेत्र में सम्मिलित गांवों की संख्या और अन्य जानकारी
पिपलिया मंडी के क्षेत्र में कुल 50 गांव हैं, और इनमें कुल 13,448 खसरा खाते शामिल हैं। इसमें 17 पटवारी भी हल्के में शामिल किए गए हैं। कुछ सम्मिलित गांवों में रिच्छा, आक्या पालरा, चिताखेड़ी, बादरी, मुंदेडी, जलोदिया, बरखेड़ा विरपुरिया, निनोरा, खोखरा, जेतपुरा, रूपी, सोनी, कनघट्टी, सनावदा, उमरिया, सुपडा, सेमली, बालागुड़ा, अंबाव, खखराई, सुजानपुरा, गोगरपुरा, डूंगलावदा, बरखेड़ा जयसिंह, वरदल, मुण्डकोषा, खेड़ाखदान, बही पार्श्वनाथ, सोकडी, खात्याखेड़ी, गुडभेली, टिलाखेड़ा, पिपलियापंथ, काचरिया चन्द्रावत, लुनाहेड़ा, उजागरिया, थडोद, ढिकनिया, बोतलगंज, चावली, बाबुखेड़ा, बोरखेड़ी, बेलारा, हरिपुरा, डौडिया मीणा, देवरी, पलेवना, मिडलाखेड़ा, मुंदड़ी, हनुमत्या, ढाबला, सिंदपन, अरनिया मीणा, लसुड़िया राठौर, कामलिया तुरकिया, डोरवाड़ा, बादपुर आदि गांव शामिल हैं।
लोगों को हो रहा आर्थिक और समय का नुकसान
अभी भी पिपलिया सहित क्षेत्र के गांवों के लोग छोटे-छोटे कामों के लिए तहसील कार्यालय मल्हारगढ़ जाने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। इस मुद्दे पर लोगों ने सरकार से जल्द से जल्द तहसील टप्पा कार्यालय का दर्जा प्राप्त करने की मांग की है।
लोगों को चाहिए शीघ्र टप्पा कार्यालय की घोषणा
पिपलियामंडी में सीएम शिवराजसिंह चौहान जी के आगमन के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ गई थीं, लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। सरकार को जनता के समस्याओं को गंभीरता से देखने और उनके लिए जल्द से जल्द समाधान निकालने की आवश्यकता है। लोगों की मांग को सीएम तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिल सके और उन्हें आर्थिक और समय का नुकसान न हो।