नगर पालिका परिषद मंदसौर में नामांतरण की प्रक्रिया अटकी हुई है, जबकि 90 दिन पहले PIC की बैठक होनी थी। इस संकट के चलते जनता के कामों में देरी हो रही है और नगर पालिका प्रशासन जनप्रतिनिधियों के सुझावों को रद्दी की टोकरी मे डाल रहा है ।
नामांतरण के संकट
पार्षद सुनील बंसल ने बताया कि नपा परिषद की PIC की बैठक अब तक नहीं हुई है। जिसके कारण 90 दिनों से अधिक समय हो गया है और जनता के नामांतरण कागजों की प्रक्रिया में देरी हो रही है। पिछले दिनों में नगर पालिका परिषद ने 700 से अधिक नामांतरण एक साथ किए थे, लेकिन इस बार देरी होने से कई लोग परेशान हैं।
सुझाव और निवेदन
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के कार्यक्रम में शामिल होने वाले पार्षद बंसल ने कहा है कि उन्होंने 45 दिन की अवधि में नामांतरण की मांग की थी, लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं आया है। उन्होंने नपा परिषद को समय सीमा तय करने की भी अपील की है ताकि जनता को अपने कामों में देरी से नहीं जूझना पड़े।
नगर पालिका की लापरवाही
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता हुडको के डायरेक्टर बंशीलाल गुर्जर ने भी सुझाव दिए था कि नगरपालिका के कामों की समीक्षा बैठक हर सप्ताह होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन TL मीटिंग की तरह नगरपालिका के कामों की भी समीक्षा होनी चाहिए ताकि कामों में कसावट आ सके। लेकिन इसे अब तक अमल में नहीं लाया गया है।
जनता की परेशानी
जनता अब तक नामांतरण के दस्तावेजों को हासिल नहीं कर पा रही है और इसके चलते उन्हें अनावश्यक रूप से भटकाना पड़ रहा है। नगरपालिका के अध्यक्ष व CMO ने 90 दिन हो गए PIC की मीटिंग तक नहीं बुलाई, जिससे नामांतरण में अनावश्यक देरी हो रही है , जनता नगरपालिका में जन प्रतिनिधि चुनने के बाद ठगा महसूस कर रही है ।