मंदसौर संसदीय क्षेत्र की विधानसभा में भारी परिवर्तन की संभावनाएं ?   

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव निकट है तथा अनेक लोगों की महत्वाकांक्षाएं बलवान और जवान हो रही है किंतु विश्वसनीय सूत्र, जनता के रुख और स्थानीय तथा प्रदेश स्तर के नेताओं के दृष्टिकोण जानने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि,  मंदसौर लोकसभा में भारी परिवर्तन की संभावना है।mandsaur politics
मंदसौर विधानसभा से जहां वर्तमान सांसद श्री सुधीर गुप्ता विधायक का चुनाव लड़ने के इच्छुक है वहीं यह नीमच से भी अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं? क्योंकि सदा की भांति श्री सुधीर जी गुप्ता के स्वप्न बहुत ऊंचे होते हैं और  ऐसा प्रतीत होता है की मध्य प्रदेश की राजनीति में श्री सुधीर गुप्ता कोई बड़े सपनों और उद्देश्य को लेकर मंदसौर या नीमच विधानसभा से अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।
इसी प्रकार सुवासरा विधानसभा में भी श्री हरदीप सिंह डंग को लेकर उनके विरुद्ध भाजपा कार्यकर्ता वातावरण बना रहे हैं तथा वहां पर भी परिवर्तन की संभावनाएं बन सकती है इस विधानसभा में भी पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार चुनौती दे सकते रहे हैं।
गरोठ विधानसभा क्षेत्र में श्री देवीलाल जी धाकड़ की आंतरिक स्थिति कमजोर है। यद्यपि ऊपर से वह लोकप्रिय दिख रहे हैं किंतु उनके अपने कार्यकर्ता ही उनके खिलाफ वातावरण बना रहे हैं। वहां पर कांग्रेस के सिंधिया गुट से आए हुए  श्री मुकेश काला अपना जाल बिछा रहे हैं इसके अतिरिक्त
पूर्व विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया और नगर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष  राजेश सेठिया भी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय राजेश यादव के पुत्र श्री विनीत यादव के भी अपने प्रयास जारी है।
मल्हारगढ़ विधानसभा में श्री जगदीश देवड़ा और मंदसौर विधानसभा में श्री यशपाल सिंह सिसोदिया की जड़े बहुत मजबूत है किंतु परिवर्तन की लहर इन्हें प्रभावित कर सकती है। श्री जगदीश देवड़ा अपनी विधानसभा में बहुत सक्रिय है किंतु उनको बताएं काम  लंबे समय तक नहीं हो पाते इससे भारी असंतोष भरा पड़ा है किंतु कुल मिलाकर श्री देवड़ा की स्थिति बहुत मजबूत है और उनका कोई भी विकल्प मल्हारगढ़ में नहीं है।
फिलहाल यदि कोई परिवर्तन मंदसौर विधानसभा में होता है तो श्री यशपाल सिसोदिया को पार्टी के द्वारा किसी वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन देकर शांत किया जा सकता है।
नीमच विधानसभा में यदि श्री सुधीर गुप्ता अपना दावा प्रस्तुत करते हैं तो  समीकरण बदलेंगे किंतु वहां पर श्री दिलीप सिंह परिहार का आंतरिक विरोध है तथा वहां पर भी श्री पारस चोपड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता महेंद्र भटनागर निशाना साध रहे हैं।
 मनासा विधानसभा में विधायक श्री माधव मारु जहां जनता और अधिकारियों में विवादित है वहीं पार्टी के अनेक कार्यकर्ता उनके द्वारा उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से दुखी हैं। मनासा विधानसभा से भाजपा किसान मोर्चे के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष श्री बंशीलाल गुर्जर और सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष मदन लाल जी राठौड़ अपने प्रयत्न कर रहे हैं। मनासा विधानसभा के टिकट में पूर्व गृहमंत्री कैलाश जी चावला की भूमिका प्रमुख हो सकती है।
इसके अतिरिक्त मंदसौर विधानसभा की स्थिति तो एक अनार सौ बीमार की तरह हो रही है, क्योंकि यहां पर भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री मानसिंह  माछोपुरिया लंबे समय से राजनीति में रहे तथा अत्यधिक ही ईमानदार एवं प्रमाणिक नेता है। लंबे समय से वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा के विश्वसनीय श्री अनिल कियावत, भाजपा के मैदानी कार्यकर्ता श्री हिम्मत डांगी भी जोर आजमाइश कर रहे हैं,  किंतु यदि श्री सुधीर जी गुप्ता को मंदसौर से टिकट नहीं मिलता है तो श्री यशपाल सिंह सिसोदिया को टिकट मिलना तय है।
जावद विधानसभा में श्री ओमप्रकाश जी सकलेचा का स्थानीय विरोध तो है किंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन में उनकी इमेज अच्छी है, यहां पर श्री समंदर पटेल जोर आजमाइश कर रहे हैं पर जावद विधानसभा में टिकट परिवर्तन की संभावनाएं कम है।
 यद्यपि राजनीति में काम करने वाले प्रत्येक सक्रिय कार्यकर्ता चुनाव लड़ने के इच्छुक होते हैं। उनके मन में भी बहुत सारे सपने होते हैं और सपने देखना बुरी बात नहीं है किंतु अपनी हस्ती भी देखना चाहिए। ऐसे अनेक कार्यकर्ता जो कभी पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकते हैं वे यदि विधानसभा का टिकट मांगते हैं तो यह  उनका, अपना राजनीतिक मनोरंजन हो सकता है किंतु उनके दावों में कोई दम नहीं।
पर कुल मिलाकर मंदसौर संसदीय क्षेत्र की समस्त विधानसभा सीटों  पर भारतीय जनता पार्टी की विजय सुनिश्चित है।  भले ही राजनीतिक विश्लेषक और कांग्रेस तथा अन्य दल आत्म मुग्ध होकर अपनी जीत की आकांक्षा लगाए बैठे हों।
 रमेशचन्द्र चन्द्रे

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