खाद्य आपूर्ति विभाग का मन्दसौर के पेट्रोल पंपों की सेवाओं पे नहीं है खास ध्यान-मन्दसौर में हजारों लोग रोज जिले के विभिन्न पेट्रोल पंपों से पेट्रोल-डीजल की खरीद करते हैं। लेकिन क्या ये ग्राहकों को मिलने वाली विभिन्न प्रकार की मुफ्त सेवाएं भी मुहैया कराते हैं? जिन्हें एक तरह से नागरिक के अधिकार कहा जा सकता है, जो उन्हें पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होते हैं। अगर पेट्रोल पंप ये सेवाएं/सुविधाएं या अधिकार उपलब्ध नहीं कराता है तो आप पेट्रोलियम कंपनी या केंद्रीय लोक शिकायत और निगरानी प्रणाली से शिकायत कर सकते हैं। फिर भी स्थानीय स्तर पर खाद्य आपूर्ति विभाग इसके लिए विशेष जिम्मेदार होता है, लेकिन मन्दसौर जिले में कुछ पेट्रोल पंपों को छोड़कर अधिकांश पर ये सुविधाएँ दिखावा मात्र है! खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी गण मात्र औपचारिकता पूरी करके ओके रिपोर्ट दे रहे हैं। ठगाया ग्राहक शिकायत भी करता है तो कोई ठोस कार्यवाही किसी पेट्रोल पंप के विरुद्ध अभी तक के इतिहास में दर्ज नहीं हुई है।
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पेट्रोल पंपों द्वारा तेल, कार्य अवधि डिस्प्ले करना और तेल कंपनी के अधिकारियों का नाम एवं टेलीफोन नंबर आवश्यक है।
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फर्स्ट ऐड बॉक्स की जांच भी आवश्यक है, उसमें रखी सामग्री एक्सपारी हो जाती है लेकिन वह दिखावे के लिए पड़ा रहता है।
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कई पंपों पर शौचालय तो है, लेकिन कुछ पंप चालकों ने आम ग्राहकों के लिए खोल रखे हैं, वहीं कुछ ने ताले लगा रखे हैं या तो पंप के कर्मचारी इस्तेमाल करते हैं या कोई विशेष व्यक्ति। कई पंपों के तो शौचालय इतनी गंदगी और बदबू भरे हैं कि उसका इस्तेमाल करने से पहले ग्राहक साहस जुटाता है।
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हवा भरने की सुविधा भी सभी पंपों पर सुचारु नहीं है, कहीं कंप्रेक्षर खराब है तो कहीं कर्मचारी मौजूद नहीं है, कुल मिलाकर दिखावे के लिए हवा भरने की मशीनें पंपों पर रखी हुई हैं।
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वैधानिक आवश्यकतानुसार सुरक्षा उपकरण जैसे अग्निशामक यानी फायर एक्सटिंग्युशर व रेत भरी बाल्टी इत्यादि की भी उपलब्धता रिटेल आउटलेटों में अनिवार्य है। लेकिन इन पंपों में कर्मी क्या फायर एक्सटिंग्युशर चलाने के लिए तैयार हैं, इसके बारे में विशेषज्ञों का विचार भी सम्मिलित करना चाहिए।
इसी प्रकार अन्य सुविधाएं भी हैं जिनमें वाटर-कूलर, सुविधा स्टोर, स्नैकबार, ढाबा, आराम कक्ष, ट्रक चालकों के लिए बाथरूम और कपड़े धोने के लिए स्थान, टेलीफोन सुविधा पीसीओ/एसटीडी, एटीएम, सर्विसिंग/रिपेयर शॉप, टायर शॉप, लॉयल्टी कार्ड प्रोग्राम इत्यादि शामिल हैं। इस सुविधाओं का कितना लाभ ग्राहक उठा पा रहे हैं? इसका अंदाजा आप खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली देखकर लगा सकते हैं। इससे बड़ी बात यह है कि जिले के सभी पेट्रोल पंप आवश्यक वस्तु अधिनियम एक्ट के दायरे में आते हैं, लेकिन इन पंप संचालकों ने जिले में अपना एक संगठन बनाकर प्रशासन और जन प्रतिनिधियों पर अनावश्यक प्रेशर बनाया हुआ है ताकि ठोस कार्यवाहीयों से बचे रहे।